1 kw solar system

solar system

what about 1 km solar system ?

आज की जो पोस्ट है वह है सोलर के बारे में के 1 किलो वाट के सोलर सिस्टम पर आप कितना लोड चला सकते हो? कोई भी सोलर सिस्टम खरीदने से पहले हमें यह पता होना चाहिए के  जो भी हम सोलर खरीद रहे हैं वह हमारे घर के लिए सही रहेगा आज हम बात कर रहे हैं 1 किलो वाट के सोलर सिस्टम की 1 किलो वाट के सोलर सिस्टम की इसके ऊपर जितना आपके घर में इन्वर्टर के ऊपर लोड है जानी 800 watt के करीब आप इसके ऊपर लोड चला सकते हो|

अगर solar system आप 1 किलो वाट का लगा रहे हो तो आप को कम से कम 1000 वाट के सोलर पैनल लगाने पड़ेंगे और इसके साथ आपको एमपीपीटी सोलर चार्ज कंट्रोलर वाला इनवर्टर लगाना पड़ेगा अगर आप pwm  टेक्नोलॉजी बाला इन्वर्टर लगा रहे हो तो आपको जो पैनल है वह 1200 watt के करने पड़ेंगे तो ही आपको पूरा 1 किलो वाट का जो सोलर सिस्टम अपना लोड उठा पाएगा 1 किलो वाट के सोलर पैनल के ऊपर आप क्या-क्या चला सकते हो यह डिपेंड करता है |

आपके इन्वर्टर के ऊपर के वह कितने va का है या कितने वाट का है ?क्योंकि किसी भी इनवर्टर के ऊपर 1000 va लिखा जाता है तो वह तकरीबन तकरीबन 800 से 900 वाट का माना जाता है क्योंकि इसका एक पावर फैक्टर होता है. 

what benefits about solar system ?

सके ऊपर नॉर्मल जितने आपके घर के पंखे हैं वाशिंग मशीन हैं टीवी है  का नॉरमल लोड है वह आप इसके ऊपर चला सकते हो अगर आपके घर का इससे ज्यादा लोड है तो फिर आपको डबल बैटरी वाला 1 किलो वाट का सिस्टम लगाना पड़ेगा क्योंकि जिसके बारे में अभी हम बात कर रहे थे यह सिंगल बैटरी के लिए मैंने बताया है अगर आप डबल  बैटरी लगाओगे तो उसके साथ आपको सोलर पैनल ज्यादा लगाने पड़ेंगे लेकिन जो सबसे ज्यादा हर एक के बजट का है|

वह यही सिंगल बैटरी वाला बढ़िया रहता है जो 1 किलो वाट का सोलर पैनल सिस्टम है इसमें आप ac नहीं चला सकते refrigerator नहीं चला सकते कोई गीजर  नहीं चला सकते यह सिर्फ आपके घर के पंखे जा टीवी जा बलब चला सकते हो अगर आप refrigerator वगैरह चलाना चाहते हो तो इसके लिए आपको जो रेफ्रिजरेटर है वह आजकल जो नई टेक्नोलॉजी डीसी इनवर्टर टेक्नोलॉजी वाली ही लेनी पड़ेगी 1 किलो वाट के सिस्टम के ऊपर बढ़िया चल जाती है |

प्रिय दोस्तों अगर आप ज्यादा बैकअप लेना चाहते हो रात के समय जब सोलर नहीं होता तब आप दो बैटरी लगा कर भी  इसको चला सकते हो अगर हम इसके खर्चे की बात करें तो 

Solar System with Battery Price List 2020

Solar System ModelSelling PricePrice/watt
1kW Solar System Price₹ 40000Rs.40
2kW Solar System Price₹ 70000Rs. 35
3kW Solar System Price₹ 115000Rs. 35
5kW Solar System Price₹250000Rs. 50

सबसे पहले एक सिंगल बैटरी जिसका प्राइस ऑफ 14 से 15 हज़ार मानकर चलें उसके बाद इन्वर्टर 6000 से ₹8000 रुपए और 20000 के सोलर पैनल स्ट्रक्चर और वायर का खर्चा टोटल मिलाकर ₹40000 के आसपास जा सकता है अगर आपके पास पहले से ही इन्वर्टर और बैटरी है तो आपको सिर्फ सोलर पैनल लेने पड़ेंगे और साथ में एक smu लगाना होगा जो कि एक चार्ज कंट्रोलर भी होता है |

वह लगाना पड़ेगा तो फिर आपका काम 25 हजार के आसपास ही चल जाएगा तो जितना आपका इन्वर्टर के ऊपर लोड है वह सभी का सभी सोलन के ऊपर आ जाएगा इसमें फायदा क्या होगा जो आपका बिजली का बिल है वह 25 से 30 परसेंट कम हो जाएगा और दूसरा अगर लाइन फाल्ट आ जाए किसी कारणवश तूफान से जाम मौसम की खराबी से तो आपके घर में जितनी भी पावर सप्लाई है वह बंद नहीं होगी यही इसका फायदा है तो आज का दोस्तों हमारा जो पोस्ट है वह यहीं समाप्त होता है |

अगर आपको यह पोस्ट बढ़िया लगे तो आप इसको आगे शेयर कर दें अगर आप इस तरह की वीडियो देखना चाहते हो तो मैंने चैनल का लिंक दिया है आप इसको टच करके मेरे यूट्यूब चैनल के ऊपर जा सकते हो mr sewak mechanical [/expander_maker]

How long is the solar system in km?

Sedna is three times farther away from Earth than Pluto, making it the most distant observable object known in the solar system. It is 143.73 billion km from the Sun, thus giving the Solar System a diameter of 287.46 billion km. Now, that is a lot of zeros, so let’s simplify it into astronomical units.

How far is the edge of the solar system in km?

That’s the equivalent of 5.9 billion kilometers. If you could drive your car at highway speeds, from the Sun all the way out to Pluto, it would take you more than 6,000 years to complete the trip. But here’s the really amazing part. Our Solar System extends much, much farther than where the planet.

Is our solar system 4.5 billion years old?

Our solar system formed about 4.5 billion years ago from a dense cloud of interstellar gas and dust. The cloud collapsed, possibly due to the shockwave of a nearby exploding star, called a supernova. When this dust cloud collapsed, it formed a solar nebula – a spinning, swirling disk of material.

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